मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्रमिक बच्चों के लिए संचालित “अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना” का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने चयनित बच्चों का सम्मान कर उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से 200 बच्चों को योजना का लाभ मिलेगा। साय ने कहा—“श्रमिक समाज के लिए कार्य करता है, लेकिन अपने परिवार के लिए पर्याप्त संसाधन और समय नहीं जुटा पाता। उनकी भी इच्छा होती है कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या जनप्रतिनिधि बनें। इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत यह योजना शुरू की है।”मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के तहत प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को कक्षा 6 से 12वीं तक श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा दिलाई जाएगी। इसका पूरा खर्च श्रम विभाग उठाएगा। चालू वर्ष में 100 बच्चों का दाखिला 14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराया गया है, जहाँ सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम से पढ़ाई होगी।
श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि सरकार की मंशा है कि श्रमिक का बेटा केवल मजदूर न रहे बल्कि अधिकारी बनकर समाज और देश की सेवा करे। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग निःशुल्क कोचिंग योजना भी चला रहा है, जिसका दूरगामी असर देखने को मिलेगा। विभाग अब तक 600 करोड़ रुपये का लाभ डीबीटी के माध्यम से श्रमिकों तक पहुँचा चुका है।भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने कहा कि लगभग 30 लाख पंजीकृत श्रमिकों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। अब उनके बच्चे भी अच्छे विद्यालयों में पढ़ाई कर सकेंगे।
इस अवसर पर श्रम विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता, संयुक्त सचिव फरिहा आलम, श्रम कल्याण मंडल के सचिव गिरीश रामटेके सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ और अभिभावक उपस्थित रहे।

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